Hindi Grammer अलंकार for HTET/CTET/RTET
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अलंकार : अलंकार शब्द का अर्थ है आभूषण या गहना । जिस प्रकार स्त्री के सौन्दर्यवृद्धि में आभूषण सहायक होतेहैं , उसी प्रकार काव्य मेंप्रयुक्त होने वाले अलंकारशब्दों एवंअर्थो की सुन्दरता मेंवर्द्धि करके चमत्कार उत्पन्नकरते हैं ।
प्रमुख अलंकार :
1. अनुप्रास : व्यंजन वर्णों की आवृति एकया दो से अधिक बार होती है ।उदाहरण – कल कानन कुंडल मोरपखा उरपी बनमाल बिराजति है ।
2. यमक : एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आएऔर उसका अर्थ हर बार भिन्न हो ।उदाहरण : काली घटा का घमण्ड घटा ।घटा = वर्षा काल में आकाश के उमड़नेवाली मेघमाला ।घटा = कम हुआ।
3. श्लेष : शब्द का अधिक अर्थ में एक ही बारप्रयोग ।उदाहरण : मधुवन की छाती को देखो,सूखी कितनी इसकी कलियाँ ।कलियाँ : खिलने से पूर्व फूल की दशा ।कलियाँ : यौवन पूर्व की दशा ।
4. उपमा : एक वस्तु या प्राणी की तुलना अत्यंतसादृश्य के कारण प्रसिद्ध वस्तु या प्राणी सेकी जाए ।उदाहरण : हाय फूल-सी कोमल बच्ची । हुई राखकी थी ढेरी ।
उपमा के चार तत्व होते हैं –(क) उपमेय : वह वस्तुया प्राणी जिसकी उपमा दी जाए ।(ख) उपमान : वह प्रसिद्ध वस्तुया प्राणी जिसके साथ उपमेय की तुलना की जाए ।(ग) साधारण धर्म : उपमेय तथा उपमान मेंपाया जाने वाला परस्पर समान गुण ।(घ) वाचक शब्द : वे शब्द जो उपमेय और उपमानमें पाए जाने वाले गुण को प्रकट करते हैं –ज्यों, जैसा, तुल्य, सा, सी, सरिस आदि ।
5. रूपक : जहाँ गुण की अत्यंत समानता के कारणउपमेय में उपमान का अभेद आरोपण हो ।उदाहरण : मैया मैं तो चन्द्रखिलौना लैहों ।यहाँ चन्द्रमा (उपमेय) में खिलौना (उपमान)का आरोप है ।
6. उत्प्रेक्षा : जहाँ समानता के कारण उपमेयमें संभावना या कल्पना की जाए ।मानो, मनु, मनहु, जानो, जनु, जनहु आदि इसकेबोधक शब्द हैं ।उदाहरण : कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जलसे भर गए ।हिम के कणों से पूर्णमानो हो गए पंकज नए ।
7. अतिशयोक्ति : जहाँ उपमेय का वर्णन लोकसीमा से अधिक बढाकर किया जाए ।उदाहरण : आगे नदिया पड़ी अपार, घोड़ा कैसेउतरे पार ।राणा ने सोचा इस पार, तब तकचेतक था उस पार ।
8. अन्योक्ति : जहाँ उपमान (अप्रस्तुत) केवर्णन के माध्यम से उपमेय (प्रस्तुत) का वर्णनकिया जाए ।उदाहरण : जिन दिन देखे वे कुसुम, गई सुबीती बहार ।अब, अलि रही गुलाब में, अपतकँटीली डार ।