वाक्यांश या शब्द–समूह के लिए एक शब्द भाग-3
जो बहुत गहरा हो— अगाध
• जिसका चिँतन न किया जा सके— अचिँत्य
• जिसको काटा न जा सके— अकाट्य
• जिसको त्यागा न जा सके— अत्याज्य
• वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला मूल्य— अधिमूल्य
• अन्य से संबंध न रखने वाला/किसी एक मेँ ही आस्था रखने वाला— अनन्य
• जो बिना अन्तर के घटित हो— अनन्तर
• जिसका कोई घर (निकेत) न हो— अनिकेत
• कनिष्ठा (सबसे छोटी) और मध्यमा के बीच की उँगली— अनामिका
• मूलकथा मेँ आने वाला प्रसंग, लघु कथा— अंतःकथा
• जिसका निवारण न किया जा सके/जिसे करना आवश्यक हो— अनिवार्य
• जिसका विरोध न हुआ हो या न हो सके— अनिरुद्ध/अविरोधी
• जिसका किसी मेँ लगाव या प्रेम हो— अनुरक्त
• जो अनुग्रह (कृपा) से युक्त हो— अनुगृहीत
• जिस पर आक्रमण न किया गया हो— अनाक्रांत
• जिसका उत्तर न दिया गया हो— अनुत्तरित
• अनुकरण करने योग्य— अनुकरणीय
• जो कभी न आया हो (भविष्य)— अनागत
• जो श्रेष्ठ गुणोँ से युक्त न हो— अनार्य
• जिसकी अपेक्षा हो— अपेक्षित
• जो मापा न जा सके— अपरिमेय
• नीचे की ओर लाना या खीँचना— अपकर्ष
• जो सामने न हो— अप्रत्यक्ष/परोक्ष
• जिसकी आशा न की गई हो— अप्रत्याशित
• जो प्रमाण से सिद्ध न हो सके— अप्रमेय
• किसी काम के बार–बार करने के अनुभव वाला— अभ्यस्त
• किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा— अभीप्सा
• जो साहित्य कला आदि मेँ रस न ले— अरसिक
• जिसको प्राप्त न किया जा सके
• जो कम जानता हो— अल्पज्ञ
• जो वध करने योग्य न हो— अवध्य
• जो विधि या कानून के विरुद्ध हो— अवैध
• जो भला–बुरा न समझता हो अथवा सोच–समझकर काम न करता हो— अविवेकी
• जिसका विभाजन न किया जा सके— अविभाज्य/अभाज्य
• जिसका विभाजन न किया गया हो— अविभक्त
• जिस पर विचार न किया गया हो— अविचारित
• जो कार्य अवश्य होने वाला हो— अवश्यंभावी
• जिसको व्यवहार मेँ न लाया गया हो— अव्यवहृत
• जो स्त्री सूर्य भी नहीँ देख पाती— असूर्यपश्या
• न हो सकने वाला कार्य आदि— अशक्य
• जो शोक करने योग्य नहीँ हो— अशोक्य
• जो कहने, सुनने, देखने मेँ लज्जापूर्ण, घिनौना हो— अश्लील
• जिस रोग का इलाज न किया जा सके— असाध्य रोग/लाइलाज
• जिससे पार न पाई जा सके— अपार
• बूढ़ा–सा दिखने वाला व्यक्ति— अधेड़
• जिसका कोई मूल्य न हो— अमूल्य
• जो मृत्यु के समीप हो— आसन्नमृत्यु
• किसी बात पर बार–बार जोर देना— आग्रह
• वह स्त्री जिसका पति परदेश से लौटा हो— आगतपतिका
• जिसकी भुजाएँ घुटनोँ तक लम्बी होँ— आजानुबाहु
• मृत्युपर्यन्त— आमरण
• जो अपने ऊपर निर्भर हो— आत्मनिर्भर/स्वावलंबी
• व्यर्थ का प्रदर्शन— आडम्बर
• पूरे जीवन तक— आजीवन
• अपनी हत्या स्वयं करना— आत्महत्या
• अपनी प्रशंसा स्वयं करने वाला— आत्मश्लाघी
• कोई ऐसी वस्तु बनाना जिसको पहले कोई न जानता हो— आविष्कार
• ईश्वर मेँ विश्वास रखने वाला— आस्तिक
• शीघ्र प्रसन्न होने वाला— आशुतोष
• विदेश से देश मेँ माल मँगाना— आयात
• सिर से पाँव तक— आपादमस्तक
• प्रारम्भ से लेकर अंत तक— आद्योपान्त
• अपनी हत्या स्वयं करने वाला— आत्मघाती
• जो अतिथि का सत्कार करता है— आतिथेय/मेजबान
• दूसरे के हित मेँ अपना जीवन त्याग देना— आत्मोत्सर्ग
• जो बहुत क्रूर व्यवहार करता हो— आततायी
• जिसका सम्बन्ध आत्मा से हो— आध्यात्मिक
• जिस पर हमला किया गया हो— आक्रांत
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