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डेस्कटॉप कंप्यूटर और लैपटॉप में क्या अंतर है

ये डेस्कटॉप कंप्यूटर क्या है शायद हम सभी लोगों को पता है क्यूंकि इसे हम अपने घरों में, offices में, दुकानों में देखें हैं. ज्यादातर लोग Computer के monitor को ही Computer मान लेते हैं जो की ठीक नहीं है क्यूंकि ये केवल एक Screen होता है जो की हमें इसके भीतर चल रहे सभी गतिविधियों को दिखाता है.

सभी devices के समाहार को ही कंप्यूटर कहा जाता है. यह एक ऐसा computer होता है जिसे की एक fixed location में रहने के लिए ही design किया गया होता है. ये या तो एक all in one machine होता है जहाँ की सभी चीज़ें एक ही desktop में होते हैं या सभी devices का assembled form होता है.

Laptop और दुसरे Portable devices के तरह इसमें internal batteries लगे नहीं होता हैं जिसके चलते इसे हमेशा एक power source से connect किया गया होता है.

पहले के समय में आगरा हम Computers की बात करूँ तब केवल desktop computers ही personal computers के तोर पर available होते थे. चूँकि उस समय laptops और tablets नहीं होते थे, इसलिए सभी home PCs desktop computers ही होते थे.

इसलिए अभी भी ये term “desktop computer” का इस्तमाल personal Pcs और बड़े computers जैसे की mainframes और supercomputers को अलग करने के लिए किया जाता है.

पिछले कई वर्षों से desktop computers एक बहुत ही popular type personal computer है, लेकिन वहीँ laptop के ज्यादा इस्तमाल से इसलिए sales में Desktop Pcs को पीछे कर दिया है. और साथ में mobile computing के बढ़ोतरी होनी से ये trend धीरे धीरे बढ़ रहा है और आने वाले समय में ये और भी आगे जाने वाला है.

लेकिन आप जितना भी नयी technology ले आइये ये Desktop Computers हमेशा से एक popular choice रहा है बहुत से business workstations में और family computers के तोर पर.

इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को डेस्कटॉप कंप्यूटर क्या है हिंदी में और ये कैसे काम करता है के विषय में जानकारी दे दी जाये जिससे आपके मन में उठ रहे सवालों के जवाब मिल जायेंगे. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं की आखिर ये डेस्कटॉप कंप्यूटर क्या होता है.

डेस्कटॉप कंप्यूटर क्या है

डेस्कटॉप कंप्यूटर डेफिनिशन: यह एक personal computer होता है जो की पूरी तरह से fit हो जाता है आपके desk के ऊपर या उसके नीचे. इसमें बहुत सारे components होते हैं जैसे की एक monitor, keyboard, mouse, CPU इत्यदि.

जहाँ laptop को ज्यादा portable बनाया गया है वहीँ desktop computer को एक जगह में स्थिर होने के लिए बनाया गया है. इसमें बाकि portable computers के तरह batteries नहीं होते हैं बल्कि इन्हें constantly एक power source के साथ connected रहना होता है.

अगर आपको Desktop Computer के बारे में और जानना होता है तब आपको ये article पूरा पढना पड़ेगा.

सबसे पहला डेस्कटॉप कौन सा था और ये कब आया?

सबसे पहला desktop computer था Hewlett Packard 9100A, जिसे की सन 1968 में introduce किया गया. उसके बाद करीब लाखों varieties के desktop computers को release किया गया और पूरी दुनियाभर में इस्तमाल किया गया.

ये जो earliest computers थे mid-1960s के ये बहुत ही बड़े बड़े हुआ करते थे जो की करीब entire rooms की space को cover करते थे. वहीँ उस समय में जो smaller computers हुआ करते थे उन्हें minicomputers कहा जाता था, और वो एक desk के size के हुआ करते थे.

डेस्कटॉप पे बनाया फ़ाइल कहा रहता है?

एक file (जो की एक abstract concept होता है) एक real computer system में उसे भी एक real physical analogue की जरुरत होती है अगर वो कहीं exist भी है तो.

अगर हम physical terms की बात करें तब most computer files को किसी न किसी प्रकार के storage device में store किया जाता है. उदाहरण के लिए ज्यादातर operating systems files को hard disk में ही store करते हैं.

डेस्कटॉप कौनसी मेमोरी का उपयोग करती है?

ये सवाल लोग अक्सर पूछते हैं की Desktop या laptop में कौन सी memory का इस्तमाल होता है. तब इसका आसान सा जवाब होता है – Desktops DIMM (Dual Inline Memory Module) boards का इस्तमाल करता है वहीँ laptops SODIMM (Small Outline Dual Inline Memory Module) boards का इस्तमाल करता है.

SODIMMS की size एकदम से half होती है DIMMs के width के compare में. इनका इस्तमाल इसलिए किया जाता है ताकि ये control कर सकें temperature और power draw, जहाँ ये battery life को भी अच्छी तरह से consider कर सकें.

जहाँ DIMMS को horizontal DIMM banks में install किया जाता है, वहीँ SODIMMS की diagonally slanted banks होती है जिससे ये ज्यादा space बना सके.

Desktop Computer की Memory क्या है?

जैसे की मैंने पहले भी कहा है की Desktop Computer में Dual Inline Memory Module boards का इस्तमाल होता है memory के तोर पर.

Desktop PC Memory (DIMM)

वैसे तो बहुत से प्रकार के RAM types available होते हैं desktop computer systems के लिए. इसमें जो most commonly used types अभी के समय में ज्यादा इस्तमाल में लाये जाते हैं वो हैं DIMMs (Dual In-Line Memory Module) और ये small circuit boards होते हैं जो की hold करती है memory chips को. चलिय अब DIMMs के दुसरे types के विषय में जानते हैं :

SDRAM – Synchronous Dynamic Random Access Memory
SDRAM का Full Form होता है Synchronous DRAM, यह एक ऐसी type का DRAM होता है जो की खुद को synchronize कर लेता है CPU’s bus के हिसाब से. SDRAM, अभी के समय में Modern PCs की memory standard होती है.

अगर हम SDRAM की और ध्यान दें तब इसमें इस्तमाल किया गया “PC” ये indicate करता है की system’s front side bus की speed क्या है. (उदाहरण के लिए: PC100 SDRAM को design किया गया है ऐसे systems के लिए जो की equipped होते हैं एक 100 MHz front side bus के साथ.)

DDR SDRAM – Double Data Rate Synchronous Dynamic Random Access Memory
DDR SDRAM का Full Form होता है Double Data Rate-Synchronous DRAM, यह एक प्रकार का SDRAM जो की support करता है data transfers, clock cycle के दोनों edges में (rising और falling edges में), जिससे ये effectively memory chip’s data throughput को double कर सकता है.

DDR-SDRAM भी कम power consume करता है जिससे ये एक बेहतर option होता है notebook computers के लिए. DDR-SDRAM को SDRAM II भी कहा जाता है. DDR-SDRAM के subsequent version होते हैं DD2 और DD3.

DDR2 SDRAM –  Double Data Rate Two (2) Synchronous Dynamic Random Access Memory
यह next step up होता है DDR SDRAM का. DDR2 SDRAM में बहुत से नए features और functions होते हैं जो की enable करते हैं higher clock और data rate operations.

DDR2 transfer करती है 64 bits की data twice every clock cycle में. DDR2 SDRAM memory compatible नहीं होती है current DDR SDRAM memory slots के साथ.

DDR3-SDRAM – Double Data Rate Three (3) Synchronous Dynamic Random Access Memory. यह third generation type होता है DDR-SDRAM की जो की DDR2-SDRAM का upgraded version होता है, साथ में ये offer करता है reduced power consumption, एक doubled pre-fetch buffer, और साथ में ज्यादा bandwidth offer करता है increased clock rate के कारण.

Note एक RIMM ऐसी type की memory होती है जिसे की developed किया जाता है Rambus, Inc के द्वारा. RIMMs are similar to DIMMs but they have a different pin count.

SODIMM क्या होता है? इसे Notebook/Laptop Memory में क्यों इस्तमाल किया जाता है?

SODIMM का Full Form होता है Small Outline DIMM, यह एक smaller version होता है DIMM Modules की जिन्हें Desktop में इस्तमाल किया जाता है. वहीँ SODIMM का इस्तमाल ज्यादातर notebook या laptop computer में किया जाता है. क्यूंकि इसकी size छोटी होती है और इसे कहीं भी आसानी से fit किया जा सकता है.

Notebook RAM और Desktop RAM में हो मुख्य अंतर है वो होता है इसकी form factor में; जो की होती है इसकी physical size और इसकी pin configuration. एक full-size DIMM में 100, 168, 184, या 240 pins होते हैं और ये usually 4.5 से five inches की length होती है.

वहीँ इसके contrast में, SO DIMM में 72, 100, 144, or 200 pins होती हैं और ये छोटे भी होते हैं size में करीब 2.5 से 3 inches तक. ऐसे SO RIMM, जो की बहुत ही similar होते हैं SO DIMM के तरह, लेकिन DIMM/RIMM के तरह, ये भी Rambus, Inc. technology का इस्तमाल करता है और इसकी different pin count भी होती है.

 

Desktop Computers के Advantages क्या है?

चलिए Desktop Computers के advantages के विषय में जानते हैं.

ये ज्यादा सस्ते होते हैं laptops के तुलना में. आपको कम price में बेहतर configuration मिल सकता है, जिससे user की काफी पैसे बच जाते हैं. इन्हें ज्यादातर schools और offices में इस्तमाल किया जाता है.Charging और Overheating की समस्या नहीं होती है जहाँ laptops में charging और ज्यादा इस्तमाल करने से overheating की समस्या होती है वहीँ Desktop में ये समस्या नहीं होती है. इन्हें आप घंटों तक ON करके इस्तमाल कर सकते हैं.Assemble आसानी से कर सकते हैं और इनकी parts आसानी से available होते हैं Desktop में आप कोई भी parts को आसानी से खुद assemble कर सकते हैं इसलिए अपने जरुरत के अनुसार उसे customize कर सकते हैं.लेकिन Laptop के parts ज्यादातर in built होते हैं इसलिए ये आसानी से available नहीं होते हैं और इनके parts भी costly नहीं होते हैं laptop के comparison में.

Desktop Computers के Disadvantages क्या है

चलिए Desktop Computers के disadvantages के विषय में जानते हैं. Desktop बिलकुल ही Static होती हैं. इन्हें एक ही जगह में fix किया जाता है इस्तमाल करने के लिए. वहीँ Laptop को आप एक जगह से दुसरे जगह में transfer कर सकते हैं. Noisy और Space की जरुरत होती है

Laptop की तुलना में ये ज्यादा Noisy होते हैं क्यूंकि इसमें बड़े बड़े components लगे होते हैं. साथ में ये ज्यादा space भी consume करते हैं क्यूंकि इन्हें एक बड़ी जगह में स्थापित किया जाता है. इसके लिए उन्हें एक separate desktop की जरुरत होती है. इसमें Style कम होती है और इसमें बहुत सारे cables भी होते हैं इनकी style में करीब 10 से 15 सालों में कोई भी फरक नहीं आया है. वहीँ laptops की style में दिनबदिन बहुत सारे changes देखने को मिले हैं. Desktop में बहुत सारे Cables का इस्तमाल किया जाता है जो की इसके design को कम करती है.

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